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2 मानक टंकणकल के मुख्य कार्यकारी भाग (Main Functioning Parts of Standard Typewriter machine):-

 

Typewriter machine का परिचय:- टंकणकल का आविष्कार सन् 1867 में श्री किस्टोफर लथम शोल्स नामक एक मुद्रक ने किया था|कुछ विद्वानों के अनुसार इसका आविष्कार सन् 1714 में श्री हेनरी मिलने किया था| श्री बर्टमहोदय ने इसे छापने का रूप देकर टाइपोग्राफर नाम दिया| इसके उपरान्त इसमें अनेक सुधार किए गए|सन् 1896 में अण्डरवुड कम्पनी ने इसे मानक (Standard) का रूप प्रदान किया. उसके उपरान्त अनेक कम्पनियों ने इसका निर्माण आरम्भ कर दिया|सम्प्रति बाजार में रेमिंग्टन, गोदरेज, फेसिट, हालडा, इम्पीरियल, अण्डरवुड, बारलोक, मोनार्क, ऑलिवर, रॉयल, स्मिथ, योस्ट नं. 20, मर्सीडीज, एम्पायर, ट्राइम्फ, नोमेन इत्यादि टंकणकलें (Typewriters) उपलब्ध हैं. इन सबके कुँजीपटल (Key-Board) समान हैं; अर्थात् ये सभी मानक (Standard) टंकणकलें (Typewriters) हैं|

मानक (Standard) का अर्थ है:- 

मान्य विशेषताओं के आधार पर निर्मित; अर्थात् जो सिद्धान्त सर्वमान्य हो, मानक (Standard) कहलाता है. अब मानक टंकणकलें (Standard Typewriters) कई प्रकार की उपलब्ध हैं. इनमें निःशब्द टंकणकल (Noiseless Type writer) द्वारा टंकण कार्य करने से आवाज नहीं के बराबर होती है| वहनीय टंकणकल (Portable Typewriter) आकार में छोटी तथा वजन में हल्की होने के कारण लाने-ले जाने में सुविधाजनक है|विद्युत्चालित टंकणकल (Electrometic Typewriter) व इलेक्ट्रॉनिक टंकणकल (Electronic Typewriter) के आगमन से टंकण के क्षेत्र में असाधारण अग्रता आई है| इलेक्ट्रॉनिक टंकणकल द्वारा टाइप की गई सामग्री मुद्रण के तुल्य होती है| वैरीटाइपर (Veri-Typer’s) सभी भाषाओं को टंकित कर सकता है, इसका उपयोग मुद्रण कार्य हेतु किया जाता है. वाणी-टंकणकल (Talk-writer) बोले गए शब्दों को सुनकर समझ लेता है और उसे स्वतः टंकित कर देता है|  
Typewriter
Typewriter
  

मानक टंकणकल के मुख्य कार्यकारी भाग (Main Functioning Parts of Standard Typewriter machine):-

  1.  पत्रवाहक (Carriage) 
  2. हाशिया रोक (Margin Stops)
  3. कागज आधार (Paper Table)
  4. पत्रवाहक मुक्तक उत्तोलक (Carriage Release Lever)
  5. कागज गोली (Paper Bails)
  6. बेलन (Platten or Cylinder or Roller)
  7. कागज मोचक उत्तोलक (Paper Release Lever)
  8. पंक्ति अन्तर मापक (Line Space Gatige)
  9. पत्रवाहक वापसी उत्तोलक (Carriage Return Lever or Handle)
  10. वर्णमुख रक्षक (Type Guide)
  11. समरेखीय पैमाना (Alignment Scale or Line Gauge)
  12. स्पर्श समायोजन यन्त्र (Personal Touch Regulator)
  13. नक्शावार छड़ (Tabulator)
  14. कुंजियाँ मुक्तक कुंजी [Key’s Release Key (KR)]
  15. नक्शावार मुक्तक कुंजी [Tabulator Release Key (TAB CLR)]
  16. नक्शावार स्थिर कुंजी [Tabulator Set Key (TAB SET)]
  17. कलबदल कुंजी (Shift Key’s)
  18. कलबदल बन्द (Shift Lock)
  19. शब्दान्तर छड़ (Space Bar)
  20. हाशिया मुक्तक कुंजी (Margin Release Key)
  21. फीता संकेतक (Ribbon Indicator)
  22. पीछे चालक (Back Spacer)
  kruti dev 010 font keyboard How To Work Typewriter Machine 

(1) पत्रवाहक (Carriage)     –

टंकणकल (Typewriter) का सबसे ऊपर वाला यंत्र समूह, जो चलायमान होता है, पत्रवाहक (Carriage) कहलाता है|

(2) हाशिया रोक (Margin Stops) –

यह मशीन का महत्वपूर्ण पुर्जा है|यह कैरिज के दोनों ओर स्थित होते हैं, बायाँ हाशिया रोक, बायाँ हाशिया तथा दायाँ हाशिया रोक, दायाँ हाशिया निश्चित करने के लिए होता है|

(3) कागज आधार (Paper Table) –

इसके सहारे कागज को बेलन में लगाया जाता है| इसके अलावा जब अशुद्धियों को रबड़ द्वारा मिटाना होता है, तो इसी के ऊपर रखकर  मिटाते हैं|

(4) पत्रवाहक मुक्तक उत्तोलक (Carriage Release Lever) –

इसके द्वारा पत्रवाहक (Carriage) को आवश्यकतानुसार दाएँ-बाएँ चलाया जा सकता है|

(5) कागज गोली (Paper Bails)-

बेलन के ऊपर एक छड़ में दो गोलियाँ (घिर्रियाँ) लगी होती हैं|ये कागज को बेलन पर दबाए रखती हैं, जिससे कागज में सिकुड़न नहीं पड़ने पाती है तथा टाइप करते समय फट-फट की आवाज नहीं होती है|

(6) बेलन (Platten or Cylinder or Roller) –

यह बल्कनाइज्ड रबड़ का बुना हुआ रोलर होता है|टाइप करते समय वर्णमुख (Types) इसी पर टकराते हैं|

(7) कागज मोचक उत्तोलक (Paper Release Lever) –

इसका प्रयोग कागज लगाने के बाद उस समय किया जाता है, जब बेलन पर चढ़ा हुआ कागज तिरछा होता है| ऐसी स्थिति में उत्तोलक को आगे खींच लेने पर कागज ढीला हो जाता है और इसे इधर-उधर घटा बढ़ाकर सही तरीके से लगा लिया जाता है|इसके अतिरिक्त जब कभी कई कागज एक साथ लगाने होते हैं, तो वे अधिक मोटाई के कारण बेलन में नहीं लग पाते हैं, ऐसी स्थिति में इस उत्तोलक (Lever) को आगे खींचकर कागजों को लगा देते हैं|

(8) पंक्ति अन्तर मापक (Line Space Gauge)-

इसकी सहायता से हम किसी विषय वस्तु को आवश्यकतानुसार एक पंक्ति अन्तर (Single Line Space), द्विपंक्ति अन्तर (Double Line Space) और त्रिगुण पंक्ति अन्तर (Triple Line Space) में टंकित कर सकते हैं|

(9) पत्रवाहक वापसी उत्तोलक (Carriage Return Lever or Handle) –

पत्रवाहक (Carriage) के बायीं ओर एक दस्ता (Handle) लगा होता है, जिससे पंक्ति समाप्त होने पर कैरिज बाएँ हाशिए पर वापस लाया जाता है| वापस आने के साथ ही यह पंक्ति के मध्य अन्तर (Space) भी छोड़ देता है|

(10) वर्णमुख रक्षक (Type Guide) –

यह अंग्रेजी के अक्षर V के आकार का होता है| इसमें से होकर प्रत्येक टाइप बार बेलन पर जाता है. यह टाइप बार को इधर-उधर नहीं होने देता है, जिससे पंक्तिबद्धता बनी रहती है|

(11) समरेखीय पैमाना (Alignment Scale or Line Gauge)-

इसकी सहायता से कागज को समानान्तर किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त यह स्केल कागज को पुनः मशीन पर लगाकर समायोजित करने में सहायक है|

(12) स्पर्श समायोजन यन्त्र (Personal Touch Regulator)-

इसके द्वारा कुंजियों को दबाने के लिए स्पर्श को समायोजित किया जाता है| जैसे कई कार्बन प्रतियाँ निकालना हो, तो तेज (भारी) स्पर्श की आवश्यकता होती है और जब इकहरे कागज पर टाइप करना होता है तो हल्के स्पर्श की आवश्यकता होती है. इसे 0 पर कर देने से हल्के स्पर्श से तथा ऊपर कर देने से भारी स्पर्श से टाइप होगा|

(13) नक्शावार छड़ (Tabulator) –

इसका प्रयोग सारणीयन कार्य में किया जाता है|सारणी के अनुसार वाँछित स्थानों पर इसे सेट कर दिया जाता है, फिर बारी-बारी से दबाने पर मशीन निर्धारित स्थानों पर ही रुकती है|

(14) कुंजियाँ मुक्तक कुंजी [Key’s Release Key (KR)] –

टाइप करते समय कभी कभी दो या अधिक टंकण छड़ें (Type Bar’s) आपस में उलझ जाती हैं, तो इस कुंजी को दबा देने पर सभी टाइप छड़ें छूट जाती हैं|

(15) नक्शावार मुक्तक कुंजी [Tabulator Release Key (TAB CLR) |-

इस कुंजी से नक्शावार (Tabulator) को आवश्यकतानुसार मुक्त किया जाता है|

(16) नक्शावार स्थिर कुंजी (Tabulator Set Key (TAB SET)] –

इसका प्रयोग सारणी टंकित करने में किया जाता है| सारणी के अनुसार इस कुंजी को स्थान स्थान पर दबाते जाते हैं और मशीन उन स्थानों पर सेट हो जाती है|

(17) कलबदल कुंजी (Shift Key’s) –

अंग्रेजी टंकणकलों (Type-writers) में इसका प्रयोग बड़े अक्षर (Capital Letters) टाइप करने में किया जाता है| हिन्दी टंकणकलों में अपरकेस वाले (वर्ण/चिह्न/मात्राएँ/अर्धाक्षर) टाइप करने में किया जाता है|

(18) कलबदल बन्द (Shift Lock) –

यह बायीं ओर की कलबदल कुंजी (Shift Key) के ऊपर लगा होता है. इसका प्रयोग उस समय किया जाता है, जब लगातार अपरकेस के वर्ण/चिह्न/मात्राएँ/अर्धाक्षर लगातार टाइप करना हो, अथवा अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स में टाइप करना होता है|

(19) शब्दान्तर छड़ (Space Bar) –

इस छड़ के प्रयोग के आवश्यकतानुसार वर्णों, चिह्नों और शब्दों के मध्य अन्तर (Space) दिया जाता है. यदि इसका प्रयोग न किया जाए तो सारे शब्द आपस में मिल जाएंगे|

(20) हाशिया मुक्तक कुंजी (Margin Release Key) –

टाइप करते समय जब कोई शब्द अधूरा रह जाता है और उसे विभाजित करना सम्भव नहीं होता है, तो इस कुंजी को दबा देते हैं, इससे हाशिए की रोक हट जाती है और उक्त शब्द टाइप कर दिया जाता है|

(21) फीता संकेतक (Ribbon Indicator)-

इसको ऊपर या नीचे खिसकाकर रंगीन फीते का मनचाहा प्रयोग किया जाता है. आकृति (Stancil) काटने में भी फीता संकेतक (Ribbon Indicator) का प्रयोग किया जाता है|

(22) पीछे चालक (Back Spacer)-

इसको दबाने से पत्रवाहक (Carriage) एक अन्तर (One space) पीछे की ओर खिसक आता है. इसका प्रयोग अपूर्ण वर्णों को पूर्ण बनाने (जैसे–क्ष् + T =क्ष); चिह्नों (जैसे- +, +, *, ?, ! आदि) बनाने और शीर्षक को मध्य में टाइप करने हेतु किया जाता है. इसके अतिरिक्त हल्के (अस्पष्ट) छपे हुए वर्णों को उसी वर्ण पर पुनः टाइप करने में इसका प्रयोग किया जाता है|  

Typing practice:-

महाकवि कालिदास, भारवि, बाणभट्ट, वाल्मीकि, वात्स्यायन, एडवर्ड गिबन, आलीवर गोल्डस्मिथ, जॉन मिल्टन, अलेक्जेन्डर, सोल्जेनित्सिन, मुल्कराज आनन्द, स्वामी विवेकानन्द, शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय, कामता प्रसाद गुरु, धनवन्तरि, जेम्स चेडविक, हरगोविन्द खुराना, सी. वी. रमन, प्रोफेसर विलियम फाउलर, डॉ. राजा रामन्ना, डॉ. मेघनाथ साहा, सर आइजक न्यूटन, जोसेफ प्रीस्टले, सुब्रह्मण्यम चन्द्र शेखर, रवीन्द्रनाथ टैगोर, बाल गंगाधर तिलक, शहीद भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, डॉ. राम मनोहर लोहिया, पंडित जवाहरलाल नेहरू, गुलजारी लाल नन्दा, लालबहादुर शास्त्री, श्रीमती इन्दिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, चौधरी अजीत सिंह, अजय सिंह, रामपूजन पटेल, राम विलास पासवान, शरद यादव, मधु दण्डवते, जार्ज फर्नांडीज, मुफ्ती मोहम्मद सईद, देवी लाल, चौधरी महाराज सिंह भारतीय, राम स्वरूप वर्मा, चिम्मन भाई पटेल, बेनी प्रसाद वर्मा, नारायण दत्त तिवारी, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, प्रफुल्ल कुमार महन्त, शान्ता कुमार, नरबहादुर भण्डारी, सुन्दर लाल पटवा, शरद् पवार, एम. चेन्ना रेड्डी, जनार्दन रेड्डी, रामकृष्ण हेगड़े, एस, आर, बोम्मई.

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