स्थिति एवं विस्तार
- झारखण्ड उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है|
- झारखण्ड भारत के उत्तर–पूर्व भाग में स्थित है।
- झारखण्ड की आकृति चतुर्भुजाकार है।
- झारखण्ड राज्य का अक्षांशीय विस्तार 21°58’10” उत्तरी अक्षांश से 25°18′ उत्तरी अक्षांश के मध्य है ।
- झारखण्ड राज्य का देशांतरीय विस्तार 83°19’50” पूर्वी देशांतर से 8757′ पूर्वी देशांतर के मध्य है।
- झारखण्ड की उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई 380 किमी. है।
- झारखण्ड की पूर्व से पश्चिम तक चौड़ाई 463 किमी. है।
- झारखण्ड का क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किमी है।
- झारखण्ड का ग्रामीण क्षेत्रफल 77,922 वर्ग किमी है।
- झारखण्ड का नगरीय क्षेत्रफल 1,792 वर्ग किमी है।
- झारखण्ड का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 2.42% है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का भारत में 15 वां स्थान है ।(जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद)
- बिहार के 46% भू–भाग को पृथक कर अलग झारखण्ड राज्य का निर्माण किया गया।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे बड़ा प्रमण्डल उत्तरी छोटानागपुर है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे छोटा प्रमण्डल पलामू है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे बड़ा जिला पश्चिमी सिंहभूम है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड का सबसे छोटा जिला रामगढ़ है
- झारखण्ड राज्य की भौगोलिक सीमाएं : उत्तर में बिहार, दक्षिण में ओडिशा, पूर्व में पश्चिम बंगाल तथा पश्चिम में छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश स्थित हैं।
- झारखण्ड भारत के कुल 5 राज्यों को स्पर्श करता है ।
- झारखण्ड की सबसे लम्बी सीमा रेखा बिहार राज्य के साथ लगी हुई है।
- झारखण्ड के कुल 10 जिले बिहार की सीमा को स्पर्श करत
- झारखण्ड का पलामू, चतरा, कोडरमा जिला बिहार को स्पर्श करता है।
- कोडरमा बिहार के नवादा जिले को स्पर्श करता है|
- झारखण्ड का एक मात्र गढ़वा जिला उत्तर प्रदेश को स्पर्श करता है।
- झारखण्ड के कुल 4 जिले छत्तीसगढ़ की सीमा को स्पर्श करते है।
- गढ़वा, लातेहार, गुमला तथा सिमडेगा जिला छत्तीसगढ़ को स्पर्श करते हैं।
- झारखण्ड के 4 जिले ओडिशा की सीमा को स्पर्श करते हैं।
- झारखण्ड राज्य अपनी दक्षिणी सीमा ओड़िशा राज्य के साथ बाँटता है।
- झारखण्ड के कुल 10 जिले पश्चिम बंगाल की सीमा को स्पर्श करते हैं।
- झारखण्ड का पूर्वी सिंहभूम जिला पश्चिम बंगाल को स्पर्श करता है|
- छोटानागपुर का पठार प्रायद्वीपीय पठार का भाग है।
- छोटानागपुर का पठार प्रायद्वीपीय पठार के उत्तर-पूर्व भाग में स्थित है।
- छोटानागपुर के पठार की चट्टानें क्रिस्टलीय एवं कायान्तरित है।
- छोटानागपुर पठार की रचना लावा चट्टानो से हुई है ।
- छोटानागपुर का पठार राज्य के कुल भू-भाग का 47.8 प्रतिशत है।
- छोटानागपुर के वर्तमान धरातल का निर्माण ग्रेनाइट एवं नीस चट्टानों से हुआ है।
- छोटानागपुर पठार एक समप्राय भूमि है।
- छोटानागपुर का पठार “खनिजों का गोदाम घर” के नाम से जाना जाता है।
- झारखण्ड का सबसे ऊँचा भू-भाग पाट क्षेत्र (पारसनाथ पहाड़ी को छोड़कर) है।
- पाट क्षेत्र की औसत ऊँचाई 900-1100 मीटर है|
- पाट क्षेत्र का विस्तार लातेहार, लोहरदगा, गुमला जिलों में है ।
- राँची पठार की औसत ऊँचाई 600 मीटर है।
- राँची एवं हजारीबाग के पठार को दामोदर नदी एक दूसरे से अलग करती है ।
- राँची एवं हजारीबाग के पठार के किनारे अवस्थित बाह्य पठार/निम्न ऊँचाई 300-450 मीटर है।
- चाईबासा के मैदान की औसत ऊँचाई 150 मीटर है ।
- झारखण्ड की सबसे नूतन भौतिक संरचना राजमहल ट्रैप है।
- राजमहल ट्रैप झारखण्ड के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है।
- राजमहल ट्रैप की औसत ऊँचाई 150-300 मीटर है।
- राजमहल ट्रैप बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित है।
- झारखण्ड का सर्वोच्च शिखर पारसनाथ है।
- झारखण्ड के सर्वोच्च शिखर पारसनाथ की समुद्रतल से ऊँचाई 1365 मीटर (4431 फीट) है।
- पारसनाथ की पहाड़ी गिरिडीह के पठार का हिस्सा है।
- पारसनाथ पहाड़ी गिरिडीह जिला में अवस्थित है।
- झारखण्ड की द्वितीय सर्वोच्च शिखर सरूअत पहाड़ी गढ़वा जिले में स्थित है।
- सारंडा की पहाड़ी एवं विरमित्रपुर की पहाड़ी सिंहभूम पठार के दक्षिण में स्थित है।
- पोराहाट की पहाड़ी राँची पठार तथा सिंहभूम पठार के मध्य स्थित है|
- लोहरदगा की पहाड़ी राँची पठार के पश्चिम भाग में स्थित है।
- झारखण्ड में सर्वाधिक आर्कियन शैल समूह पाया जाता है।
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