झारखण्ड के स्मारक
- बैद्यनाथ मंदिर देवघर में स्थित है।
- देवघर स्थित शिव मंदिर का निर्माण पूरनमल नामक शासक द्वारा करवाया गया|
- देवघर में श्रावण माह में मेला लगता है ।
- झारखण्ड के देवघर शहर में सबसे अधिक तीर्थयात्री आते हैं ।
- देवघर का बैद्यनाथ मंदिर नागर शैली में निर्मित है।
- रजरप्पा (रामगढ़) में छिन्नमस्तिका देवी की मंदिर है ।
- छिन्नमस्तिका मंदिर दामोदर–भैरवी (भेड़ा) नदी के किनारे स्थित है।
- देश के 51 शक्तिपीठों में से एक माँ छिन्नमस्तिका की मंदिर रामगढ़ जिला में स्थित है।
- बासुकीनाथ धाम दुमका जिले का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
- भद्रकाली मंदिर इटखोरी (चतरा) में स्थित है।
- भद्रकाली मंदिर का निर्माण संभवतः पाल काल में हुआ था ।
- कोठेश्वरनाथ स्तूप इटखोरी में स्थित है।
- भद्रकाली मंदिर परिसर में स्थित सहस्त्रलिंगी शिवलिंग में 1008 छोटे–छोटे शिवलिंग उकेरे गये हैं ।
- कौलेश्वरी मंदिर चतरा जिला में अवस्थित है|
- कौलेश्वरी मंदिर कोल्हुआ पहाड़ी (कोलेश्वरी पर्वत) पर स्थित है ।
- कोलेश्वरी पर्वत तीन धर्मों हिन्दू, बौद्ध और जैनों का संगम स्थल है|
- जैन विद्वान कोलेश्वरी पर्वत को दसवें तीर्थंकर शीतलनाथ जी की तपोभूमि तथा महापुराण के रचनाकार जिनसेन का साधना स्थल मानते है ।
- महामाया मंदिर हापामुनी (गुमला) में अवस्थित है।
- महामाया मंदिर का निर्माण नागवंशी राजा गजघंट ने करवाया था ।
- बाराकोपा पहाड़ी पर स्थित मां योगिनी का मंदिर गोड्डा जिला में अवस्थित है।
- श्री वंशीधर मंदिर नगर उंटारी ( गढ़वा) में अवस्थित है।
- बेनी सागर का शिव मंदिर पश्चिमी सिंहभूम जिला में अवस्थित है।
- राँची स्थित जगन्नाथपुर मंदिर का निर्माण 1691 ई. में हुआ था ।
- जगन्नाथपुर मंदिर का निर्माण नागवंशी राजा ऐनी शाह ने करवाया गया था।
- जगन्नाथ मंदिर की ऊँचाई 100 फीट है।
- टांगीनाथ मंदिर मझगांव (गुमला) में अवस्थित है।
- देवड़ी (राँची) में 16 भुजी देवी की मूर्ति है ।
- हल्दी घाटी मंदिर कोराम्बे (गुमला) में अवस्थित है|
- बासुदेव राय का मंदिर कोराम्बे में स्थित है।
- सूर्य मंदिर बुण्डू (राँची) में अवस्थित है।
- उग्रतारा मंदिर नगर (चंदवा) में अवस्थित है|
- 108 मंदिरों वाला गांव मलूटी (दुमका) में अवस्थित है|
- नौलखा मंदिर, राम–लक्ष्मण मंदिर एवं तपोवन देवघर में अवस्थित है|
- झारखण्ड धाम मंदिर गिरिडीह जिले में अवस्थित है |
- मदन मोहन मंदिर बोडेया (राँची) में अवस्थित है |
- जगन्नाथ, पहाड़ी, देवड़ी, सूर्य तथा सती मंदिर राँची जिले में अवस्थित है।
- झारखण्ड में स्थित आंजन को महावीर हनुमान का जन्म स्थल माना जाता है|
- यह गुमला जिले में स्थित है।
- सोमेश्वर नाथ मंदिर तथा पांडेश्वर नाथ मंदिर सरैयाहाट (दुमका) में अवस्थित है।
- पारसनाथ जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है।
- सम्मेद शिखर पारसनाथ में अवस्थित है।
- पारसनाथ को जैन धर्मावलम्बी सम्मेद शिखर के नाम जैन धर्म के 24 में से 20 विचारकों ने मोक्ष की प्राप्ति पारसनाथ में की, अंत में पार्श्वनाथ ने मोक्ष प्राप्त किया ।
- पारसनाथ गिरिडीह जिले में स्थित है ।
- मधुबन जैन धर्मावलम्बियों का पवित्र स्थल है।
- गिरिडीह जिले के मधुबन स्थल पर श्वेताम्बरी जैन का तीर्थ स्थल है।
- पलामू किला लातेहार जिले में स्थित है ।
- पलामू किला औरंगा नदी के तट पर अवस्थित है।
- पलामू किला में दो किले हैं। नये किले का निर्माण चेरो राजा मेदिनी राय द्वारा करवाया गया था ।
- पलामू के नये किले का सर्वाधिक आकर्षण नागपुर दरवाजा है।
- इस दरवाजे की ऊँचाई 40 फीट तथा चौड़ाई 15 फीट है।
- यह दरवाजा डोइसा (नवरतनगढ़) से लाया गया था ।
- पलामू किला का संबंध चेरो राजवंश से है ।
- पलामू किला में स्थित मस्जिद का निर्माण दाउद खाँ ने करवाया था।
- डोइसागढ़ गुमला जिले में स्थित है।
- नागवंशी राजा ने सर्वप्रथम “नवरतन” नामक पांच मंजिला भवन का निर्माण डोयसा में करवाया था ।
- विश्रामपुर किला पलामू जिले में स्थित है|
- चांदनी किला (शाहपुर) मेदिनीनगर में स्थित है।
- रोहिलों का किला जपला (पलामू) में स्थित है।
- रोहिलों के किले का निर्माण मुजफ्फर खाँ ने करवाया था ।
- नारायणपुर का किला लातेहार जिले में स्थित है ।
- बादम का किला हजारीबाग जिले में स्थित है।
- बादम के किले का निर्माण हेमन्त सिंह ने करवाया था।
- चैनपुर का किला पलामू जिले में स्थित है।
- कुंदा का किला चतरा जिले में स्थित है ।
- तिलमी का किला राँची जिले में स्थित है।
- पालकोट एवं नागफेनी का राजमहल गुमला जिले में स्थित है।
- रामगढ़ किले का निर्माण सबल राय ने करवाया था ।
- केसानगढ़, जैतनगढ़ तथा पोराहाट का किला पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित है|
- जैतनगढ़ किले का निर्माण अर्जुन सिंह ने करवाया था ।
- पोराहाट के किले का निर्माण जगन्नाथ सिंह ने करवाया था ।
- पदमा का किला हजारीबाग जिले में स्थित है|
- रंका का महल गढ़वा जिले में स्थित है।
- रातू (राँची) के किले का संबंध नागवंशी राजा से है।
- बरसो पानी गुफा बड़कागांव (हजारीबाग) में अवस्थित है ।
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