महाजनपद और मगध साम्राज्य का उदय|Rise of Mahajanapada and Magadha Empire.
👉6 शताब्दी ईसा पूर्व मे एक ओर जहां धार्मिक क्रांति का अत्यधिक विस्तार हुआ तथा दूसरी ओर धार्मिक क्रांति के साथ-साथ लोगों के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक जीवन में अत्यधिक परिवर्तन हुए|👉लोहे के आगमन के फलस्वरूप अब कृषि कार्य व्यवस्थित ढंग से होने लगा, जिसके कारण लोगों में स्थायीत्व की भावना पनपने लगी थी एवं छोटे-छोटे कबीले राज्य बनते जा रहे थे| बुद्ध के समय तक आते-आते जन का अत्यधिक रूपांतरण हो चुका था और जनपदों भी का जन्म हो चुका था|
महाजनपद और मगध साम्राज्य का उदय:-
👉बौद्ध ग्रंथ अंगुत्र निकया मे 16 महान राज्यों या महाजनपदों का वर्णन मिलता है तथा भगवती सूत्र मे भी 16 राज्य का उल्लेख किया गया है।
👉महाजनपद राजाओं के द्वारा शासित थे, परंतु कुछ महाजनपदों में प्रथम की व्यवस्था थी| जिन्हें गणसंघ कहा जाता था| इन गणसंघ मे एक से अधिक शासक होते थे, प्रत्येक को राजा कहा जाता था|
👉जनपदों के गठन का मुख्य कारण कृषि और सैन्य उद्देश्यों के लिए लौह उपकरणों का उपयोग था। यहाँ एक नक्शा है जो उस समय मौजूद 16 महाजनपदों को दर्शाता है:
16 महाजनपद निम्नलिखित है:-
1. मगध (पटना, गया और नालंदा):-
👉मगध का उल्लेख सर्वप्रथम अथर्ववेद में मिलता है|
👉प्रथम राजधानी राजगृह थी और बाद में राजधानी पाटलिपुत्र बनी।
2. अंग और वंग (मुंगेर और भागलपुर): –
👉इसकी राजधानी चंपा थी।
👉यह समृद्ध व्यापार केन्द्र था।
3. मल्ल (देवरिया, बस्ती, गोरखपुर क्षेत्र) :–
👉इसकी राजधानी कुशीनगर थी।
👉यह कईं अन्य छोटे राज्यों की पीठ थी।
👉इनका प्रमुख धर्म बौद्ध धर्म था।
4. वत्स (इलाहाबाद और मिरज़ापुर) :–
👉इसकी राजधानी कौशाम्बी थी।
👉इस राजवंश का सबसे शक्तिशाली राजा उदायिन था।
5. काशी (बनारस) :–
👉 इसकी राजधानी वाराणसी थी।
👉कौशल राज्य के साथ कईं युद्ध लड़े गए लेकिन अंतत: काशी को कौशल राज्य में मिला लिया गया।
6. कौशल (अयोध्या) :-–
👉इसकी राजधानी शरावती थी जिसे साहेत-माहेत भी कहते थे लेकिन अयोध्या कौशल में एक महत्वपूर्ण शहर था।
👉कौशल ने कपिलवस्तु के शकों के आदिवासी संघीय क्षेत्र को भी मिलाया था।
7. वज्जी (मुजफ्फ़र नगर और वैशाली) :–
👉इसकी राजधानी विदेह और मिथिला थी|
👉वज्जी आठ छोटे राज्यों के एक संघ का सदस्य था जिसमें लिच्छवी, जांत्रिक और विदेह भी सदस्य थे।
8. कुरु (थानेश्वर, मेरठ और वर्तमान दिल्ली) :–
👉इनकी राजधानी इन्द्रप्रस्थ थी।
9. पंचाल (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) :–
👉इसकी राजधानी काम्पिल्य थी।
👉पहले यह एक राजतंत्र था, बाद में एक स्वतंत्र प्रजातंत्र बन गया।
👉 इस राज्य में कन्नौज महत्वपूर्ण शहर था।
10. मत्स्य देश (अलवड़, भरतपुर और जयपुर) :–
👉इसकी राजधानी विराटनगर थी।
11. अश्मक (नर्मदा ओर गोदावरी के मध्य) :–
👉इसकी राजधानी पेरताई थी और ब्रह्मदत्त सबसे महत्वपूर्ण शासक था।
12. गांधार (पेशावर और रावलपिंडी) :–
👉इसकी राजधानी तक्षशिला उत्तर वैदिक काल के दौरान व्यापार और शिक्षा का प्रमुख केन्द्र थी।
13. कंबोज (पाकिस्तान का हजारा जिला, उत्तर-पूर्व कश्मीर) :-–
👉इसकी राजधानी राजापुर थी।
👉हजारा इस राज्य का प्रमुख व्यापार एवं वाणिज्य केन्द्र था।
14. अवन्ति (मालवा) :–
👉अवन्ति को उत्तर और दक्षिण दो भागों में बांटा गया था।
👉उत्तरी भाग की राजधानी उज्जैन थी और दक्षिणी भाग की राजधानी महिष्मति थी।
15. चेदी (बुंदेलखण्ड) :–
👉शक्तिमति चेदी राज्य की राजधानी थी।
👉चेदी राज्य यमुना और नर्मदा नदी के मध्य फैला हुआ था।
👉इस राज्य के एक परिवार को बाद में कलिंगा राज्य के राजशाही परिवार में विलय कर दिया गया था।
16. सूरसेन (बृजमंडल) :–
👉इसकी राजधानी मथुरा थी और इसका सबसे विख्यात शासक अवन्तिपुत्र था।
👉समय के साथ-साथ छोटे या कमजोर राज्यों को बड़े राज्यों ने अपने में मिला लिया या तो फिर वह खुद ही समाप्त हो गए। अंत में, केवल 4 प्रमुख राज्य बच गए:-
1. वत्स
2. अवंती
3. मगध
4. कोशल
➤मगध साम्राज्य का उदय:-
👉बिम्बसार ने विजय और आक्रमकता की नीति अपनाई और कईं राज्यों को मगध के साम्राज्य में मिलाया। उसने कईं विवाह संधियों के माध्यम से भी अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
👉राजगीर पहाड़ियों से घिरा था और पत्थर की दीवार इसको अभेदनीय बनाती थी।
👉प्रचूर मात्रा में लोहे की उपस्थिति ने हथियार बनाने, जंगल साफ करने और कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दिया।
👉अपने पड़ोसी राज्यों के खिलाफ युद्ध करने में हाथियों का भी प्रयोग होता था।
➤वंशज
हर्यंका वंश :-
• बिम्बसार (544 – 492 ईसा पूर्व):-
👉बृहद वंश के बाद मगध में हर्यक वंश की स्थापना हुई|
👉इस वंश का संस्थापक बिम्बसार था|
👉बिम्बसार बुद्ध के समकालीन था|
👉बिम्बसार ने अंग देश पर अधिकार करके इसका शासक अपने पुत्र अजातशत्रु को सौंप दिया था|
👉मगध की पहली राजधानी राजगिर थी उस समय इसे गिरीव्रज कहते थे।
• अजातशत्रु (492 – 460 ईसा पूर्व):-
👉 इसने अधिक आक्रामक नीति अपनाई।
👉काशी और वज्जी पर नियंत्रण किया। राजगीर किले का निर्माण किया।
👉इसने प्रथम बुद्ध परिषद का आयोजन किया।
• उदायिन (460 – 440 ईसा पूर्व):-
👉इन्होंने पाटलिपुत्र की स्थपना की और राजधानी को राजगीर से पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया।
• शिशुनाग वंश (412 – 344 ईसा पूर्व):-
👉 लोगों ने नागदशक (अंतिम हर्यंका शासक) को हटाकर शिशुनाग को चुना और इस तरह से हर्यंका वंश का अंत हुआ।
👉शिशुनाग को कालाशोक ने अपदस्थ किया। इसी ने द्वितिय बौद्ध परिषद् का आयोजन किया।
• नंद वंश (344 – 323 ईसा पूर्व):-
👉महापद्मा नंद, नंद वंश का संस्थापक कीऔर प्रथम राजा बने।
👉इसने मगध वंश को हटाया और नए साम्राज्य की स्थापना की।
👉इसे सर्वक्षत्रांटक और उग्रसेन के नाम से जाना जाता था।
👉महापद्मा नंद को एकरात – एकमात्र सम्राट कहा जाता था।
👉 प्रारंभ में नंदों ने मगध के एक बड़े हिस्से पर शासन किया और बाद में नंद वंश की सीमाओं का उसके शासकों द्वारा हर दिशाओं में विस्तार किया गया।
👉घनानंद नंद वंश का अंतिम शासक था। इसके शासन काल में एलेक्ज़ेंडर ने 326 ईसा पूर्व में उत्तर-पश्चिमी भारत पर आक्रमण किया था।
👉322-321 ईसा पूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य वंश की स्थापना की।
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FAQ:-
Q हर्यक वंश के किस शासक को कुनिक कहा जाता था?—- अजातशत्रु
Q किस शासक ने पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की?—– उदयिन
Q मगध की प्रथम राजधानी कौन सी थी?—- राजगृह
Q भारत में सिक्कों का प्रचलन कब हुआ?—- 600 ईसवी में
Q किस शासक ने अवंती को जीतकर मगध का हिस्सा बना लिया?—- शिशुनाग
Q किस मुगल सम्राट ने अंग का विलय अपने राज्य में कर लिया?—– बिम्बसार
Q सिकंदर के आक्रमण के समय उत्तर भारत में किस राजवंश का शासन था?—- नंद वंश
Q उग्रसेन किसे कहा जाता था?—- महापद्मनंद