हुमायूं की जीवनी और उसके द्वारा लड़े गए युद्ध
हुमायूं (1530-40, 1555-56):-
👉हुमायूं का जन्म 6 मार्च 1508 ईसवी मे काबुल में हुआ था| हुमायूं की मां महिम बेगम सिया मत में विश्वास रखती थी|
👉बाबर के 4 पुत्र थे- हुमायूं ,कामरान, अस्करी ,हिन्दाल | इन पुत्रों में हुमायूं सबसे बड़ा था|
👉30 दिसंबर 1530 ईस्वी को बाबर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र हुमायूं गद्दी पर बैठा|
👉हुमायूं ने अपने पिता के कहने पर कामरान को काबुल एवं कन्धार ,अस्करी को संभल तथा हिन्दाल को अलवर की जागीर दी|
👉हुमायूं ने 1530 ईसवी में कालिंजर का अभियान किया| जिसका शासक प्रताप रूद्रदेव था|
👉हुमायूं ने चुनार पर अपना घेरा डाल दिया| यह सशक्त दुर्ग आगरा और पूर्व के मध्य थल मार्ग तथा नदी मार्ग को नियंत्रित करता था और पूर्वी भारत के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता था|
👉हुमायूं के शासनकाल में शेर खां अफगान सरदारों में सबसे अधिक शक्तिशाली था| घेराबंदी के 4 महीने बाद हुमायूं शेरखान के समझौते प्रस्ताव पर सहमति जताई| जिसके अनुसार शेर खान का अधिकार चुनार किले पर कायम रहेगा तथा इसके स्थान पर उसने मुगलों के प्रति वफादार रहने का वचन दिया और बंधक के रूप में अपना एक बेटा हुमायूं के पास भेज दिया|
👉बहादुरशाह ने राणा से संधि कर ली ताकि मुगल हस्तक्षेप ना कर सके और इसके लिए उसने नगद और भारी हरजाना वसूल कर किले को उसके अधिकार में छोड़ दिया|
👉हुमायूं ने दिनपनाह नामक एक नगर की स्थापना दिल्ली में की| दिनपनाह के निर्माण का उद्देश्य मित्रों और शत्रुओं दोनों को प्रभावित करना था|
👉बहादुर शाह ने चित्तौड़ से बचकर जाने के बाद अपना अभियान जारी रखा और चित्तौड़ पर घेरा डाल दिया तथा इब्राहिम लोदी के एक रिश्तेदार तातार खां को अस्त्र-शस्त्र और सैनिक उपलब्ध करवाएं|
👉हुमायूं ने तातार खां की चुनौती को आसानी से विफल कर दिया तथा मालवा पर आक्रमण किया|
👉गुजरात को जीतने के बाद हुमायूं ने उसे अपने छोटे भाई अस्करी को दे दिया था|
चौसा का युद्ध (26 जून 1539 ईसवी):-
👉शेर खां ने आगरा से हुमायूं गैर हाजरी में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी| उसने एक विशाल और कुशल सेना खड़ी कर ली थी| हुमायूं के आगरा लौटने के कुछ ही दिन बाद उसने इसी सेना के बल पर बंगाल के शासक को पराजित कर 13,00,000 दिनार हरजाना वसूल किया था|
👉शेर खां के विरुद्ध हुमायूं ने 1937 ईस्वी में कुच किया और चुनार पर घेरा डाल दिया| इसी बीच शेर खां ने रोहतास के मजबूत किले पर अधिकार कर लिया था|
👉उसके बाद बंगाल पर आक्रमण करके उसकी राजधानी गौड़ पर अधिकार कर लिया|इस प्रकार शेर खां ने हुमायूं को पराजित कर दिया था|
👉शेर खां के विरुद्ध हुमायूं ने बंगाल पर चढ़ाई करने का निर्णय लिया तथा अपनी सेना को बक्सर के पास चौसा तक ले आया|
👉शेर खा के शांति के प्रस्ताव के झांसे में आकर, हुमायूं कर्मनाशा नदी पारकर पूर्वी तट पर आ गया|
👉हुमायूं अपने घोड़े सहित गंगा नदी में कूद गया तथा एक भिश्ती की सहायता से वहां से सुरक्षित बाहर निकला|
👉हुमायूं ने इस उपकार के बदले भिश्ती को 1 दिन का बादशाह घोषित किया|
कन्नौज /बिलग्राम का युद्ध( 17 मई 1540):-
👉इस युद्ध में अफ़गानों के विरुद्ध हुमायूं ने वीरता पूर्वक मुकाबला किया और हुमायूं के दोनों भाई अस्करी तथा हिन्दाल वीरता पूर्वक लोड़े लेकिन की पराजय हुई|
👉कन्नौज का युद्ध शेर खान और हुमायूं के मध्य हुआ| अब हुमायूं केवल नाम का बादशाह था|
👉अगले कुछ वर्ष तक वह सिंध और उसके आस-पास के क्षेत्रों में भटकता रहा तथा अपना राज्य वापस पाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाता रहा|
👉हुमायूं ने अपने निर्वास काल के दौरान हिन्दाल के आध्यात्मिक गुरु मीर अली की पुत्री हमीदा बानो बेगम से 29 अगस्त 1541 मे विवाह कर लिया| हमीदा बानो बेगम ने ही अकबर को जन्म दिया|
👉23 जुलाई1555 ईस्वी में हुमायूं एक बार फिर से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा| लेकिन अधिक समय तक जीवित नहीं रह सका|
👉एक दिन हुमायूं जब दिल्ली में दिनपनाह भवन में स्थित पुस्तकालय शेर- ए-मंडल की सीढ़ियों से उतर रहा था वह गिर गया और इस प्रकार जनवरी 1556 ईसवी में हुमायूं की मृत्यु हो गई|
👉हुमायूं की पत्नी हाजी बेगम ने किले के निकट उसका एक मकबरा बनवाया|
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
👉लेनपुल ने हुमायूं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, हुमायूं जीवन भर लड़खड़ा ता रहा और लड़खड़ाते हुए अपनी जान दे दी|
👉हुमायूं ज्योतिषी में विश्वास करता था, इसीलिए उसने सप्ताह के सातों दिन सात रंग के कपड़े पहनने के नियम बनाए थे| वह मुख्यतः रविवार को पीला, शनिवार को काला एवं सोमवार को सफेद कपड़ा मानता था|
👉अबुल फजल ने हुमायूं को इंसान-ए- कामील कह कर संबोधित किया था|
👉हुमायूं ने दिल्ली में मीना बाजार की शुरुआत की थी जिसमें कर्मचारियों की पत्नियां बाजार लगाती थी और राज परिवार के लोग खरीदारी करते थे|
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FAQ:-
Q हुमायूं का जन्म कब और कहां हुआ था?—-6 मार्च 1508 ईसवी मे काबुल
Q हुमायूं ने दिनपनाह नामक नगर की स्थापना कहां की?—- दिल्ली में
Q हुमायूंनामा की रचना किसने की?—– गुलबदन बेगम ने
Q हुमायूं ने देवरिया का युद्ध कब लड़ा?—-1531 ईस्वी में हुमायूं की विजय हुई
Q चौसा का युद्ध कब हुआ?—-1539 ईस्वी में शेरशाह की विजय
Q कन्नौज या बिलग्राम का युद्ध कब हुआ?—-1540 ईस्वी में शेरशाह की विजय
Q सरहिंद का युद्ध कब हुआ?—-1555 ईस्वी में बैरम खान की विजय
Q आगरा की गद्दी पर बैठने से पहले हुमायूं कहां का सूबेदार था?—-बदख्शाँ