सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन के बारे में|Samajik Dharmik Sudhar Andolan
👉19वीं सदी के शुरुआती समय मे देश के प्रत्येक भाग में आभास किया जाने लगा कि समाज पिछड़ा हुआ है और इसे सुधारना जरूरी है| सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों से धार्मिक विश्वासों का रूप धारण कर लिया था अतः देश के प्रत्येक भाग और प्रत्येक धार्मिक समुदाय में सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन हुए थे| यह सुधारक बुद्धिवाद ,मानवतावाद और मानव एकता के विचारों से बड़े प्रभावित थे| शिक्षित भारतीय भी विश्व के अन्य भागों की राष्ट्रीयता तथा जनतंत्र के आंदोलन से परिचित हुए| भारतीय जनता की सर्वोत्तम मुखी जागृति के लिए शुरू किए हुए इन आंदोलन ने आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी|
👉प्राचीन भारत के दर्शन ,विज्ञान ,धर्म तथा साहित्य की व्यापक जानकारी मिलने लगी जिससे भारतीयों में अपनी सभ्यता के प्रति सम्मान औरअभिमान की भावना जागृत होने लगी|
👉विधायकों ने अंधविश्वासों तथा अमाननीय प्रथाओं के विरुद्ध शुरू किए गए संघर्ष में प्राचीन ग्रंथ प्रस्तुत किए ऐसा करते समय अधिकांश ने धार्मिक विश्वासों की वजह तर्क बुद्धि और मानवतावाद को महत्व दिया|
सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन:-
ब्रह्म समाज:-
👉राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई 1772 बंगाल के राधापुर नामक गांव में एक संपन्न परिवार में हुआ था|
👉उन्हें भारत के पहले ‘modern man‘ के नाम से जाना जाता है।
👉उन्होंने सन् 1815 में आत्मीय सभा की स्थापना की।बाद में इसे अगस्त, 1828 में ब्रह्मा सभा में विकसित किया गया।उन्होंने प्रचार किया कि ईश्वर एक है।
👉आत्मीय सभा का कार्य महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर करते थे, जिन्होंने इसका नाम बदलकर ब्रह्म समाज रखा।
👉1829 में लॉर्ड विलियम बेंटिंक को सती प्रथा को एक दंडनीय अपराध घोषित करने में सहायता की थी।
👉बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या का भी विरोध किया।अंतरजातीय विवाहों का समर्थन किया। उन्होंने स्वयं एक मुस्लिम लड़के को गोद लिया।
👉1817 में डेविड हेयर, के साथ हिंदू कॉलेज (अब प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता) की भी स्थापना की।
👉राममोहन रॉय ने प्रथम बंग्ला साप्ताहिक पत्रिका संवाद कौमुदी को निकाला।
21 प्रेस की आजादी के लिए आंदोलन किया। सन् 1833 में इंग्लैंड के ब्रिस्टल में राममोहन का निधन हो गया।
यंग बंगाल आंदोलन:-
👉संस्थापक -हेनरी विवियन डेरोज़ियो
👉जन्म सन् 1809 में कलकत्ता में हुआ और इन्होंने हिंदू कॉलेज, कलकत्ता से अपनी पढ़ाई की।
👉उनके अनुयायियों को डेरोजियन तथा उनके आंदोलन को यंग बंगाल आंदोलन के नाम से जाना जाता था।उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और उनकी शिक्षा की भी वकालत की।
👉उन्होंने मूर्ति पूजा, जातिवाद और अंधविश्वासों के खिलाफ एक संगठन स्थापित किया और इस पर विचार-विमर्श का आयोजन किया।
आर्य समाज:-
👉गुजरात के काठियावाड़ में जन्मे स्वामी दयानंद विद्वान, देशभक्त, सामाजिक सुधारक एवं धार्मिक थे।
👉उनका मानना था कि वेद ज्ञान का असली स्रोत हैं।
उनका नारा था —–“वेदों की वापसी”
👉वे मूर्ति पूजा, बाल विवाह और जन्म के आधार पर जाति व्यवस्था के विरोधी थे।
👉उन्होंने अंतरजातीय विवाह और विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया।
👉उन्होंने उन हिंदुओं को वापस लाने के लिए शुद्धि आंदोलन आरंभ किया, जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर अन्य धर्मों को अपना लिया था।
👉उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नामक एक पुस्तक लिखी |
👉प्रथम दयानंद एंग्लो-वैदिक (D.A.V) स्कूल की स्थापना सन् 1886 में लाहौर में की गई थी।
प्रार्थना समाज:-
👉यह हिंदुत्व के अंदर एक सुधार आंदोलन था और जिसने सामाजिक सुधारों जैसे – इंटरडियनिंग, अंतर-विवाह, विधवा विवाह एवं महिलाओं और पिछड़ा वर्ग के उत्थान पर ध्यान केंद्रित किया।
👉एम. जी. रनाड़े और आर. जी. भंडारकर सन् 1870 में इसमें शामिल हुए |रनाड़े ने दक्कन एजुकेशन सोसाइटी का प्रवर्तन किया।
स्वामी विवेकानन्द और रामकृष्ण मिशन:-
👉स्वामी विवेकानंद का मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्ता (1863-1902) था।वे श्री रामकृष्ण परमहंस के सबसे प्रिय शिष्य थे।
👉सन् 1886 में नरेंद्रनाथ ने संयास ग्रहण किया और तब उन्हें विवेकानंद नाम दिया गया।
👉स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (U.S.A) में सितंबर, 1893 में आयोजित धर्म संसद में भाग लिया और भारत तथा हिंदू धर्म की मान को स्थापित किया।
👉यह एक सामाजिक सेवा और धर्मार्थ समाज है।इस मिशन का उद्देश्य स्कूलों, कॉलेजों, अस्पताल और अनाथालयों की स्थापना कर मानवतावादी विचारधारा प्रदान करना और सामाजिक कार्य करना है।
थियोसॉफिकल सोसाइटी:-
👉उनका मुख्य उद्देश्य वंश, रंग या पंथ के किसी भी भेदभाव के बिना मनुष्यों में सार्वभौमिक भाई-चारे का निर्माण करना और प्राचीन धर्मों और दर्शनशास्त्र के अध्ययन को बढ़ावा देना था।
👉उन्होंने भारत पहुंचकर सन् 1882 में मद्रास के अद्यार में अपने मुख्यालय की स्थापना की।
👉1893 में श्रीमती एनी बेसेंट भारत आई और ओल्कोट की मौत के बाद सोसाइटी का नेतृत्व अपने हाथों में ले लिया।
👉श्रीमती एनी बेसेंट ने सेंट्रल हिंदू स्कूल के साथ-साथ बनारस में मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रुप में विकसित हुआ।
👉आयरलैंड में होम रूल लीग की स्थापना से प्रभावित होकर एनी बेसेंट ने भारत में होमरूल लीग की स्थापना कि|
पंडित ईश्वर चन्द्र विद्यासागर:-
👉इनका जन्म 1820 ईसवी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था| इन्होंने संस्कृत का गहन अध्ययन किया 1851 ईसवी संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य बने|
👉उन्होंने भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया| इन्हें आधुनिक बांग्ला का प्रणेता का माना जाता है|
👉पंडित ईश्वर चंद्र एक शिक्षक, मानवतावादी और सामाज सुधारक थे।विद्यासागर ने लड़कियों के लिए अनेकों विद्यालय स्थापित किए।
👉उन्होंने कलकत्ता में मेट्रोपॉलिटियन संस्थान स्थापित किए।
👉उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ विरोध किया और विधवा विवाह का समर्थन किया।
👉1856 ईसवी में हिंदू विधवा पुनर्विवाह कानून के निर्माण में इनका महत्वपूर्ण योगदान था|
ज्योतिबा फुले:-
👉उन्होंने उच्च जाति और ब्राह्मण्यवादी वर्चस्व के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया।
👉1873 में उन्होंने जाति व्यवस्था के विरुद्ध लड़ने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की।
👉ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले ने पुणे में सन् 1851 में प्रथम बालिका विद्यालय की स्थापना की।
अलीगढ़ आंदोलन:-
👉सैयद अहमद खान (1817- 98) द्वारा अलीगढ़ आंदोलन भारत में मुसलमानों की सामाजिक और शैक्षिक उन्नति के लिए आरंभ किया गया था।
👉मुसलमानों में उदारवादी विचारों के प्रसार हेतु 1866 में मोहम्मदन शैक्षणिक सम्मेलन का आरंभ सामान्य मंच के तौर पर किया।
👉उन्होंने मुसलमानों के बीच 1875 में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अलीगढ़ में एक आधुनिक विद्यालय की स्थापना की।
👉आगे चलकर इसका नाम मोहम्मदन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज में और बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रुप में परिवर्तित हो गया।
सिक्ख सुधार आंदोलन:-
👉सिखों में धार्मिक सुधार की शुरुआत 19 वी शताब्दी में अमृतसर में खालसा कॉलेज की स्थापना के साथ हुई |खालसा दीवान के नाम से प्रसिद्ध इस संस्था गुरुद्वारे एवं स्कूल कॉलेज की स्थापना की|
👉1920 में स्थापित अकाली आंदोलन ने गुरुद्वारों में प्रबंधन सुधार महंतों के खिलाफ अहिंसात्मक ,असहयोग तथा सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया|
👉1922 ईस्वी में सिख गुरुद्वाराअधिनियम पारित हुआ और 1925 मे अधिनियम को संशोधित किया गया|यह आंदोलन सिख धर्म में प्रचलित हिंदू रीति-रिवाज को खत्म करने के लिए चलाया गया था|
भारतीय समाज के सेवक :-
👉सन् 1915 में गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा स्थापित।
👉यह अकाल से राहत देने और आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाने में सक्षम नहीं था।
भारत के प्रमुख सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन व उन्हें शुरू करने बाले महान विचारको की सूची:-
आत्मीय सभा:-
संस्थापक -राजा राममोहन राय
स्थापना- 1815 ईस्वी कोलकाता
प्रमुख उद्देश्य- हिंदू धर्म की बुराई परआक्रमण एवं एकेश्वरवाद का प्रचार प्रसार|
ब्रह्मा समाज:-
संस्थापक – राजा राममोहन राय
स्थापना- 1828 ईसवी कोलकाता
प्रमुख उद्देश्य- एकेश्वरवाद का प्रसार था का नाम ब्रह्मा सभा था
धर्म सभा:-
संस्थापक – राधाकांत देव
स्थापना- 1829 ईसवी कोलकाता
प्रमुख उद्देश्य- इसकी स्थापना ब्रह्मा समाज के विरोध में हुई थी तथा इसका उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा करना था|
तत्वबोधिनी सभा:-
संस्थापक- देवेंद्रनाथ टैगोर
स्थापना- 1939 ईसवी कोलकाता
प्रमुख उद्देश्य- राजा राममोहन राय के विचारों का प्रचार करना|
संस्थापक- दुर्गाराम मंसाराम
स्थापना- 1844 ईसवी सूरत
प्रमुख उद्देश्य- जाति प्रथा के बंधनों को तोड़ना था|
भारतीय ब्रह्म समाज:-
संस्थापक- केशव चंद्र सेन
स्थापना- 1866 ईसवी कोलकाता
उद्देश्य- मूल ब्रह्मा समाज सेअलग होकर केशव चंद्र सेन ने नई संस्था स्थापित की , जिसका प्रमुख उद्देश्य समाज सुधार था |विभाजन के बाद मूल समाज को कोआदि ब्रह्म समाज कहां गया|
प्रार्थना सभा:-
संस्थापक- आत्माराम पांडुरंग
स्थापना- 1867 ईस्वी, मुंबई
प्रमुख उद्देश्य- आर.जी. भंडारकर तथा एमजी रानाडे 1870 ईस्वी मे इसके सदस्य बने|इसका उद्देश्य हिंदू धर्म के विचारों तथा प्रचलित मान्यताओं में सुधार था|
आर्य समाज:-
संस्थापक- स्वामी दयानंद सरस्वती
स्थापना- 1875 ईसवी, मुंबई
प्रमुख उद्देश्य- हिंदू धर्म में सुधार तथा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन रोकना था|
थियोसोफिकल सोसायटी:-
संस्थापक- मैडम एच.पी. ब्लावत्स्की व हेनरी अल्टकोर्ट
स्थापना- 1875 ईस्वी न्यूयॉर्क
प्रमुख उद्देश्य- प्राची हिंदू धर्म एवं दर्शन का प्रसार तथा विश्व बंधुत्व की भावना विकसित करना था |
रामकृष्ण मिशन:-
संस्थापक- स्वामी विवेकानंद
स्थापना- 1897 ईस्वी बेलूर
प्रमुख उद्देश्य- मानवतावादी एवं सामाजिक कार्य करना|
भारत सेवक समाज:-
संस्थापक- गोपाल कृष्ण गोखले
स्थापना- 1905 ईसवी मुंबई
प्रमुख उद्देश्य- मातृभूमि की सेवा के लिए भारतीयों को विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षित करना |महिला कल्याण को बढ़ावा देना वह उनका उत्थान करना|
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सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन FAQ:-
- Qज्योतिबा फुले ने किसकी स्थापना किसकी स्थापना की?—– सत्यशोधक समाज की
- Qआधुनिक भारत में हिंदू धर्म में पहला सुधार आंदोलन था?—- ब्रह्मा समाज
- Qसती प्रथा का उन्मूलन किसके द्वारा किया गया था?—- लॉर्ड विलियम बेंटिक
- Qअलीगढ़ में स्थित कॉलेज को किसने स्थापित किया?—- सैयद अहमद खान
- Qआर्य समाज किस के विरुद्ध हैं?—- धार्मिक अनुष्ठान व मूर्ति पूजा
- Qस्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना किस वर्ष की?—–1896
- Qवेदों की ओर लौटो किसने दिया था?—– दयानंद सरस्वती
- Qप्रार्थना समाज के संस्थापक कौन थे?—– आत्माराम पांडुरंग