टोक्यो ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट रवि कुमार दहिया की जीवनी |Olympic silver medalist Ravi Kumar Dahiya ki jivani
👉 टोक्यो ओलंपिक 2020 Ravi Kumar Dahiya ने 57kg वर्ग कुश्ती में सिल्वर मेडल अपने नाम किया|
रवि कुमार दहिया की जीवनी:-
👉रवि कुमार दहिया जन्म 12 दिसंबर 1997 को भारत के हरियाणा के सोनीपत जिले के नारी गांव में हुआ था |उनके पिता राकेश दहिया एक किसान हैं ,जिनके पास खुद की कोई जमीन नहीं है वह दूसरों की जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं जिससे खर्च चलाना भी बहुत ही मुश्किल हो पाता है |रवि के चाचा बीएसएफ में और वहां पहलवानी करते हैं, उन्हीं को देखकर बचपन से ही उनके मन में इच्छा हुई |आर्थिक तंगी और बलवान बनाने के लिए के डाइट पर होने वाले खर्च के बावजूद भी उनके पिता ने अपने बेटे की इच्छा को हकीकत में बदलने की ठान ली | 👉रवी दहिया 9 साल के थे तब से अपने गांव के अखाड़े में प्रैक्टिस करने लगे |1 साल यहां प्रेक्टिस करने के बाद 2007 में उनके पिता ने उन्हें उत्तरी दिल्ली में स्थित कुश्ती के लिए विश्वविख्यात छत्रसाल स्टेडियम में द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान सतपाल सिंह के यहां कुश्ती के गुर सीखने के लिए छोड़ दिया|यहां सतपाल सिंह व कोच वीरेंद्र सिंह की देखरेख में जबरदस्त प्रेक्टिस करने लगे |उनका गांव छत्रसाल स्टेडियम से 40 किलोमीटर पड़ता है उनके पिछले 13 सालों से हर रोज गांव से 40 किलोमीटर की यात्रा करके दूध व फल देने छत्रसाल स्टेडियम आते हैं |
रवि कुमार दहिया की कैरियर की शुरुआत :-
👉उनके कैरियर की शुरुआत 2015 में जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप से हुई इस चैंपियनशिप में उन्होंने 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग में सिल्वर मेडल जीता |👉वर्ष 2017 में रवि दहिया ने सीनियर नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में पहुंचे लेकिन चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा | 👉वर्ष 2018 में रवि दहिया ने वापसी करते हुए वर्ल्ड अंडर-23 रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलो वर्ग में सिल्वर मेडल जीता |👉2019 में खिताब जीतने वाली टीम हरियाणा हैमर का pratinidhitva करते हुए वह पूर्व रेसलिंग टीम में नाबाद रहे
👉वर्ष 2019 में विश्व चैंपियनशिप में जो कि ओलंपिक क्वालीफाई के लिए है अहम था| उसमें अच्छा प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में 2017 के विश्व चैंपियन युकी तानाशाही को हराने के बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए अपना टिकट पक्का कर लिया लेकिन वह सेमीफाइनल में 2018 के विश्व चैंपियन से हार गए और उन्हें ब्रोंज मेडल मिला |
👉2020 और 2021 दोनों वर्ष उन्होंने एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में लगातार दो गोल्ड मेडल अपने व देश के नाम की यह लगातार गोल्ड मेडल से उनके आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई|
टोक्यो ओलंपिक 2020:–
👉इसी के साथ रवि दहिया देश के दूसरे ऐसे पहलवान हैं जिन्होंने कुश्ती में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है इससे पहले 2012 लंदन ओलंपिक मैं सुशील कुमार सिल्वर मेडल जीता था|
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