मराठों का उदय और शिवाजी महाराज के बारे में विस्तृत व्याख्या|Rise of Marathas and detailed explanation about Shivaji Maharaj.
शिवाजी का प्रारंभिक जीवन:-
👉मराठा साम्राज्य का संस्थापक शिवाजी को माना जाता है| शिवाजी का जन्म 6 अप्रैल 1627 ईस्वी में शिवनेर दुर्ग मे हुआ था|शाहजी ने पूना की जायजात अपनी पत्नी जीजाबाई और बेटे शिवाजी के लिए छोड़ दी थी|
👉18 वर्ष की आयु में पूना के समीप रायगढ़, कोंडाना और तोरण के पहाड़ी किलो को जीत लिया था| शिवाजी 1665 ईस्वी में मराठा सरदार चंद्र राव मोरे से जावली का राज्य जीत लिया और रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया| उन्होंने सतारा क्षेत्र और तटवर्ती पट्टी कोकण को भी अपने अधिकार में ले लिया|
👉बीजापुर ने उनके विरुद्ध 10,000 घुड़सवार सैनिक के साथ अफजल खां नामक एक प्रमुख बिजापुरी सरदार को शिवाजी के विरुद्ध भेजा और उससे कहा जैसे भी हो, वह उसे बंदी बना ले|
👉अफजल खां ने शिवाजी को व्यक्तिगत मुलाकात के लिए एक पैगाम भेजा और कहां की वह उसे बीजापुर के सुल्तान से माफी दिलवा देंगे लेकिन शिवाजी को शक था कि यह अफजल खा की चाल थी, इसलिए वह अपनी तैयारी के साथ उससे मिलने पहुंचे थे और साहसिकपूर्ण अपने बाघनख तथा कटार सेअफजल खा की हत्या कर दी और उसके हथियारों पर कब्जा कर लिया|
👉इसके बाद मराठा सेना ने पनहाला के किले पर अधिकार कर लिया तथा दक्षिणी कोकण वकोल्हापुर के क्षेत्रों पर भी अधिकार कर लिया|
👉औरंगजेब मुगल साम्राज्य मे मराठा शक्ति को देखकर उसकी चिंता बढ़ने लगी तो उसने दक्कन के नए सूबेदार शाइस्ता खां को वैवाहिक संबंधों के कारण औरंगजेब का रिश्तेदार भी था, इसलिए शिवाजी के राज्य पर आक्रमण करने का आदेश दे दिया| शुरुआत में लड़ाई शिवाजी के विरुद्ध थी| शाइस्ता खा ने पूना पर अधिकार 1665 ईस्वी में अधिकार कर उसे अपना मुख्यालय बना लिया|
👉शिवाजी ने मुगलों को सबसे अधिक छापामार युद्ध के कारण परेशान किया|
👉 शिवाजी ने शाइस्ता खा के पुणे स्थित शिविर में प्रवेश करके रात में आक्रमण कर दिया जिसमें शाइस्ता खां का बेटा और एक रक्षक मारा गया तथा शाइस्ता खां घायल होकर भाग गया| इसके बाद शहंशाह ने शाइस्ता खान का तबादला बंगाल का सूबेदार के रूप में कर दिया|
👉इसी बीच शिवाजी ने मुगलों के प्रमुख बंदरगाह सूरत पर आक्रमण कर उसे लूट लिया|
👉शिवाज को औरंगजेब ने मई 1666 ईस्वी मे जयपुर भवन (आगरा )में कैद कर लिया, जहां से वे 16 अगस्त 1666 ईस्वी में भाग निकले|
पुरंदर की संधि और आगरा दरबार में शिवाजी की उपस्थिति:-
👉औरंगजेब ने शिवाजी को परास्त करने के लिए अजमेर के राजा जयसिंह को तैनात किया| पहले के सेनापतियों की तरह जयसिंह ने मराठों की शक्ति को कम आंकने की भूल कर दी| उसने सावधानी के साथ कूटनीतिक और सैनिक तैयारियां की| उसने शिवाजी के सभी शत्रु और विरोधियों से सहायता लेने की अपील की|
👉पूना पहुंचकर जयसिंह ने शिवाजी के प्रमुख स्थल पुरंदर पर आक्रमण करने का फैसला लिया| शिवाजी के सभी खाजाने वहीं पर थे|
👉 जयसिंह ने पुरंदर चारों तरफ से घेर लिया तब मराठों ने पुरंदर को मुक्त करने के लिए पूरी कोशिश की लेकिन विफल रहे|
👉जब शिवाजी को लगा कि अब किले की सुरक्षा नहीं हो पाएगी तो उसने जयसिंह से समझौता वार्ता पुरंदर की संधि (1665 ) कर ली |
जो निम्न प्रकार के शर्तों के साथ थी:-
👉शिवाजी के पास 35 किलो थे उनमें से 23 किलो मुगलों को देने थे तथा अन्य 12 किले इस शर्त पर शिवाजी के पास थे कि वह दिल्ली के अधिकार में रहेगा और उसके प्रति वफादार रहेगा|
👉बीजापुर राज्य के चार लाख हूण कि आय के जो क्षेत्र शिवाजी के पास थे, वे उसे छोड़ दिए गए| इसके अलावा बाघाघाट क्षेत्र के 5 लाख हूण कि आय वाले क्षेत्रों पर शिवाजी की नजर थी और जिसे जितने का मन बना रखा था उन पर भी उसका दावा स्वीकार कर लिया गया| इसके स्थान पर सम्राट को 40 लाख हूण किस्तों में अदा करने थे |
👉शिवाजी ने अनुरोध किया की उसे सम्राट की व्यक्तिगत सेवा से मुक्त रखा जाए| इसीलिए उसके स्थान पर उसके नाबालिग बेटे संभाजी को 5000 का मनसब प्रदान किया गया| परंतु शिवाजी ने वचन दिया कि अगर मुगल में दक्कन कोई युद्ध लड़ेंगे तो वह व्यक्तिगत रूप से उसमे शामिल होंगे|
शिवाजी का प्रशासन और उनकी उपलब्धियां:-
👉वह मुगलों के विरुद्ध लड़ाई करने की भावना पालने लगे और 1670 ईस्वी में उन्होंने सूरत को पुनः लूटा|
👉अगले 4 वर्षों के दौरान उन्होंने पुरंदर सहित अपने अनेक किले मुगल से जीत लिए और मुगल के प्रदेशों में विशेष रूप से खानदेश और बरार मे अंदर तक आक्रमण किया|
👉1674 ईस्वी में शिवाजी ने रायगढ़ में विधि पूर्वक राजमुकुट धारण किया अब वह मराठा सरदारों में सबसे अधिक शक्तिशाली थे| यही उन्हें छत्रपति की उपाधि मिली|
👉उन्होंने अपना राज्याभिषेक बनारस के महान पण्डित विश्वेशर या श्री गंगाधर से कराया
👉शिवाजी ने रायगढ को अपनी राजधानी बनाया|
👉शिवाजी का राज्य 16 प्रांतों में विभक्त था|
👉प्रशासन की सबसे छोटी ईकाई मौजा थी|
👉शिवाजी ने 8 मंत्री नियुक्त किए जिन्हें सामूहिक रुप से अष्टप्रधान कहां गया है, इनमें प्रत्येक मंत्री सीरिया राजा के प्रति उत्तरदाई था| इसका प्रमुख पेशवा या प्रधानमंत्री था,जो समस्त प्रशासन का निरीक्षण करता था| यह नागरिक व सैनिक मामलों का सर्वोच्च अधिकारी था|
👉शिवाजी ने अपने राज्य के निकट मुगल क्षेत्रों का एक कर लगाकर अपनी आय में वृद्धि की| यह कर भू-राजस्व का एक चौथाई होता है, इसीलिए इसे चौथाई यह चौथ कहां जाने लगा |
👉कर्नाटक पर आक्रमण शिवाजी की आखिरी बड़ी सैनिक करवाई थी| कर्नाटक अभियान से लौटने के कुछ ही दिन पश्चात 3 अप्रैल 1680 ईस्वी में शिवाजी की मृत्यु हो गई|
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FAQ:-
Q शिवाजी महाराज के प्रशासन में पेशवा किसे कहा जाता था?—- प्रधानमंत्री को
Q मराठा राज्य का दूसरा संस्थापक किसे माना जाता है?—- बालाजी विश्वनाथ को
Q शिवाजी महाराज के मुगलों को किस द्वारा किलो हस्तांतरित किया?—- पुरंदर की संधि
Q शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कहां हुआ था?—- रायगढ़ में
Q अष्टप्रधान मंत्रिपरिषद किसके शासनकाल में थे?—- शिवाजी महाराज के
Q शिवाजी महाराज के राजनीतिक गुरु एवं संरक्षक कौन थे?—- दादाजी कोंडदेव
Q शिवाजी महाराज मुगलों की कैद से भागते समय कौन से नगर में कैद थे?—- आगरा
Q शिवाजी का जन्म कब और कहां हुआ?—- 6 अप्रैल 1627 ईस्वी में शिवनेर दुर्ग
Q चौथ क्या था?—- पड़ोसी राज्यों पर शिवाजी महाराज द्वारा लगाया गया भूमि कर